इन दिनों : जाति वह दीमक है जो भारत की आत्मा को चाट रही है

“आजादी की लड़ाई में जाति थोड़ी दबी थी। एकजुटता का बोध बढ़ा था। आजादी के बाद की राजनीति ने जातियों को और गाढ़ा किया है और अब सिर पर नाच रहा है।” – इसी लेख से