भारत में आजकल AI यानी Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की खूब चर्चा हो रही है। अगर सरल शब्दों में कहें तो AI एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को इंसानों की तरह “सोचने” और “सीखने” की क्षमता देती है। यह वही तकनीक है जो हमारे मोबाइल फ़ोन को स्मार्ट बनाती है, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स को हमारी पसंद पहचानने में मदद करती है, और डॉक्टरों को बीमारियों की पहचान करने में सहायक होती है। अब भारत भी इस क्षेत्र में बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और इसका असर हमारे रोज़मर्रा के जीवन और नौकरियों पर साफ़ नज़र आ रहा है।
हाल ही में भारत ने अपनी पहली स्वदेशी AI चिप तैयार की। इसे कुछ ही लोगों की एक छोटी-सी टीम ने बनाया, और यह साबित करता है कि हम तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मज़बूत कदम रख रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में भी AI की भूमिका बढ़ रही है। मुंबई में डॉक्टर अब माताओं और नवजात शिशुओं की ज़िंदगी बचाने के लिए AI की मदद ले रहे हैं। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले में बच्चों के टीकाकरण की निगरानी के लिए AI आधारित एक स्मार्ट सिस्टम शुरू किया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि कोई बच्चा पीछे न छूटे। आंध्र प्रदेश के तिरुमला में देश का पहला AI संचालित कमांड सेंटर खोला गया है, जो हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ को सुरक्षित तरीके से संभालने और इंतज़ार का समय कम करने में मदद करेगा।
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इतना ही नहीं, Google Cloud और Deloitte जैसी बड़ी वैश्विक कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं ताकि यहाँ पर AI से जुड़ी मज़बूत तकनीकी व्यवस्था बनाई जा सके। साथ ही, OpenAI और Anthropic जैसी प्रमुख AI कंपनियाँ भी भारत आ रही हैं। इससे युवाओं और नए स्टार्टअप्स को अपनी प्रतिभा दिखाने और रोजगार पाने के बड़े अवसर मिलेंगे।
अब सवाल यह उठता है कि AI हमारे जीवन को किस तरह बदलेगा। बहुत लोग सोचते हैं कि AI नौकरियाँ छीन लेगा, लेकिन भारत में तस्वीर थोड़ी अलग है। यहाँ AI को ऐसा साथी माना जा रहा है जो इंसानों के साथ मिलकर काम करेगा और नए अवसर खोलेगा। उदाहरण के लिए, डॉक्टर AI की मदद से बीमारियों का पता ज़्यादा तेज़ी से लगा पाएंगे, किसान मौसम और मिट्टी की स्थिति का बेहतर अनुमान लगाकर अच्छी फसल उगा पाएंगे, और छात्र AI की मदद से अपनी ज़रूरत के अनुसार पढ़ाई कर पाएंगे। यानी शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य—तीनों क्षेत्रों में AI हमारी ज़िंदगी आसान बना रहा है।
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भविष्य की ओर देखें तो आने वाले वर्षों में AI हमारे शहरों को भी स्मार्ट बनाएगा। यह ट्रैफ़िक जाम कम करने, प्रदूषण पर नज़र रखने और ऊर्जा की बर्बादी रोकने में मदद करेगा। ऑनलाइन सेवाएँ और सरकारी योजनाएँ भी AI की मदद से ज़्यादा पारदर्शी और तेज़ हो जाएँगी। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की युवा आबादी और तेजी से बढ़ती स्टार्टअप संस्कृति इस तकनीकी लहर को नई दिशा दे रही है। यही वजह है कि दुनिया की बड़ी कंपनियाँ भारत को AI के विस्तार का केंद्र मान रही हैं।
कुल मिलाकर, AI भारत के लिए केवल एक तकनीकी क्रांति नहीं है, बल्कि यह समाज और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साधन है। यह न केवल हमारे जीवन को सरल और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि करोड़ों युवाओं को रोजगार, उद्यमिता और नवाचार के अवसर भी देगा। आने वाले वर्षों में भारत AI की मदद से न सिर्फ़ डिजिटल ताक़त बनेगा बल्कि दुनिया को भी दिखाएगा कि तकनीक का उपयोग समाज के कल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है।

स्रोत
- भारत ने बनाई पहली स्वदेशी AI चिप
- Mumbai: Gynaecologists to use AI to improve women’s health
- AI-based smart vaccination tracking system launched in Fatehpur
- Country’s first AI-powered command centre for pilgrims at Tirumala
- Google Cloud taps demand for sovereign cloud in India
- Anthropic follows in OpenAI’s footsteps for India foray
- AI is erupting in India – The Economist



