हिन्दी साहित्य में विद्यापति का स्थान

यह आलेख हिन्दी साहित्य में विद्यापति के महत्व पर प्रकाश डालता है। वे एक ओर ‘वीरगाथकाल’ के सर्वाधिक प्रामाणिक कवि …
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सरोज स्मृति : समष्टि से व्यष्टि के पथ पर

पराजय और अकेलेपन के बोध में पिता-पुत्री के बीच बेहद जीवनमय संबंध अपने लालित्य और तरुणाई के नैसर्गिक संगीत से …

हिंदी के स्वातंत्र्योत्तर उपन्यासों में मार्क्सवाद

मार्क्सवादी उपन्यासों में वस्तु-तत्व की प्रमुखता के बावजूद रूप-तत्व की भी सापेक्षिक सक्रियता स्वीकृत हुई है। इन उपन्यासकारों ने कला-मूल्यों …
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हिन्दी साहित्य-परंपरा का आदिकवि विद्यापति

हिन्दी-साहित्य यदि अपनी परंपरा ढूँढने निकलेगा तो उसे विद्यापति अपना आदिकवि दिखाई देगा। …
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कालिदास के ग्रंथों में प्रकृति और नारी की अन्योन्याश्रयता

कवि-कुल शिरोमणि ‘कनिष्ठिकाधिष्ठित’ कालिदास संस्कृत वाङ्ग्मय के ही नहीं, भारतीय मनीषा के भी सर्वश्रेष्ठ निदर्शन हैं। वर्षा-काल में अनायास फूट …
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