प्रकृति के संकेत की अनदेखी: विकास या विनाश की ओर?

प्राकृतिक आपदाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। ये आपदाएँ प्रकृति-प्रदत्त नहीं, बल्कि मानवकृत हैं। इनसे निपटने के दीर्घकालिक उपायों के कार्यान्वयन में अब और देर नहीं की जा सकती है।

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रुपेश रॉय
रुपेश रॉय

शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
रुपेश रॉय एक समर्पित शोधार्थी हैं जिनका राजनीतिक विज्ञान में किया गया कार्य शासन, नीति और सामाजिक न्याय के बीच के अन्तर्संबंधों का अन्वेषण करता है। उनका शोध समकालीन समाज के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और संबोधित करने की प्रतिबद्धता से निर्देशित है।

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