संविधान पर चर्चा या कांग्रेस पर वार?

लोकसभा के शीतकालीन सत्र में संविधान के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में संविधान पर विशेष चर्चा आयोजित की गई थी। सत्तारूढ़ दल और उसके मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सारी ऊर्जा, लोकतंत्र के सशक्तिकरण और संवैधानिक मूल्यों को व्यावहारिक जीवन में उतारने के दृष्टिकोण की प्रस्तुति की अपेक्षा कांग्रेस की निंदा करते हुए खर्च हो गई।