इन दिनों : केंचुआ मुफ्त में बदनाम है 

यह सच है कि केंचुआ में रीढ़ नहीं होती, लेकिन तब भी वह मिट्टी को उपजाऊ बनाता है। वह किसानों …

इन दिनों : उतरा है रामराज विधायक आवास में

लोकजीवन के “इन दिनों’ कॉलम में आज पढ़ें प्रो० योगेंद्र का व्यंग्य ‘उतरा है रामराज विधायक आवास में’ …

इन दिनों : नेताओं का धर्म – अपराध और जाति का संरक्षण

‘लोकजीवन’ के ‘इन दिनों’ कॉलम में प्रो० योगेंद्र बिहार की राजनीति में अपराध और जाति के राजनीतिक संयोजन की चर्चा …

इन दिनों : प्रधानमंत्री का कट्टा प्रेम और बिहार का दुखड़ा

कल भागलपुर में पुराने साथियों की बैठक हुई। संदर्भ बिहार का चुनाव था। पुराने साथियों का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि …

राजनीतिक एवं सामाजिक उपेक्षा और उद्देश्यविहीन प्रशासनिक कवायदों के बीच मूल्य खोती बिहार की विद्यालयी शिक्षा के सवाल

देश की विविधता पूर्ण स्वतंत्र वैचारिक चेतना पर नियंत्रण के उद्देश्य से राजनीतिक नियामक समूह विकासोन्मुख नीतियों के नाम पर …
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समावेशी लोकतान्त्रिक राजनीति और मुसलमान

राजनीति में मुस्लिम प्रतिनिधित्व का घटते जाना चिंता का विषय है। इसे केवल एक प्रमुख समूह की राजनीतिक उपेक्षा के …

बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र : काँटे की टक्कर के बीच मिनी बिहार में तब्दील  

पिछले लेख में आपने पढ़ा था तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का विश्लेषण। इस लेख में प्रस्तुत है बछवाड़ा विधानसभा …

एनडीए : बहुत कठिन है डगर पनघट की (तेघड़ा विधानसभा चुनाव का विश्लेषण)

इस विश्लेषण में लेखक ने तेघड़ा विधानसभा के चुनावी परिदृश्य का विश्लेषण किया है। लेखक के अनुसार चुनाव आसान नहीं …

‘शुद्ध’ मतदाता सूची की अशुद्धता

क्या बिहार में मतदाता सूची वास्तव में ‘शुद्ध’ हो गई है?इस आलेख में, जमीनी स्तर के प्रमाणों के साथ एसआईआर …
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मुफ़्तख़ोरी बनाम इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत किस रास्ते पर जाएगा?

भारत आज विकास की राह में एक चौराहे पर खड़ा है। लोकतंत्र की ताक़त और आर्थिक आज़ादी को मिलाकर हम …
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बिहार का पलायन : एक बड़ा चुनावी सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ऐसे समय पर हो रहे हैं जब युवाओं का पलायन राज्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती …

बिहार की शिक्षा सामाजिक असमानता को पुनर्स्थापित कर रही है 

जिस राज्य में महज 22% लोग ही किसी तरह पाँचवीं कक्षा तक पहुँच सके हों, एक तिहाई लोगों ने कभी स्कूल-कॉलेज …
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