इन दिनों, जन पत्रकारिताइन दिनों : ताड़ खड़खड़ाते हैं केवल, चील गीध ही गाते"डॉ लोहिया ने कहा था कि पांच सालों तक जिंदा कौमें इंतजार नहीं करतीं। सच पूछिए तो जिंदा कौमें की एक शमां तो बननी चाहिए।" - इसी लेख से डॉ योगेन्द्रNovember 10, 2025