इन दिनों, जन पत्रकारिताइन दिनों : बुद्धिखोर और आधुनिक अंगुलिमाल धर्म और पूँजी के खेल में आमजन इस तरह उलझ गया है कि उसकी स्वचेतना समाप्त हो गई है। वह बाबाओं और मुनाफाखोरों के चश्मे से दुनिया को और ख़ुद अपने जीवन को भी देखने लगा है।डॉ योगेन्द्रNovember 13, 20251 Comment