शोध और विकास : भारत के विश्वविद्यालयों में नवाचार का मेरुदंड

भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रति अध्यापक औसत अनुसंधान अनुदान 30 लाख रुपये से कम है, जबकि अमेरिका में प्रति प्रोफेसर यह राशि 2 करोड़ रुपये और चीन में 1 करोड़ रुपये से अधिक पहुँचती है। इसके अलावा, भारत में पेटेंट आवेदन दर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 12-15 पेटेंट है, जबकि चीन में यह 250, अमेरिका में 140 और जापान में 160 से भी अधिक है।
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रुपेश रॉय
रुपेश रॉय

शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
रुपेश रॉय एक समर्पित शोधार्थी हैं जिनका राजनीतिक विज्ञान में किया गया कार्य शासन, नीति और सामाजिक न्याय के बीच के अन्तर्संबंधों का अन्वेषण करता है। उनका शोध समकालीन समाज के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और संबोधित करने की प्रतिबद्धता से निर्देशित है।

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One comment

  1. हमलोग बिना वित्त केवल पित्त के दम पर चाय की चौपाटियों के फेरे लगाते, जेनरल बोगी में धक्के खाते, रैलियों जुलूसों में डुबकी लगाते, अपने मुट्ठी भर कद्रदानों के साथ सफरनबीस होकर अपने जीवन अनुभव का तप्त शोधपत्र तो लिखते ही हैं.. सरकारों में बैठे लोग इतने अहमक कैसे हो जाएंगे कि ऐसे सस्ते ज्ञान के स्रोत पर करोड़ों फूंक डालें ।

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