इन दिनों, जन पत्रकारिताइन दिनों : अंधेपन की मर्यादा से चकाचौंध आंखें"जो खिलवाड़ कर रहा है, वह तो जानबूझकर कर रहा है। वह दोषी कम है, उससे ज्यादा दोषी वह है जो खुली आंखों से देख कर भी नहीं देख रहा है या डर से तालियां पीट रहा है।" - इसी आलेख से डॉ योगेन्द्रNovember 9, 2025