क्यों बन रही है स्कूल पर गुप्त छापेमारी की योजना?

जन पत्रकारिता को समर्थन देने के लिए उपर्युक्त QR Code को स्कैन करके 20, 50 या 100 रुपये की सहायता राशि प्रदान कर सकते हैं।
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Dr. Anil Kumar Roy
Dr. Anil Kumar Roy

कार्यकर्ता और लेखक
डॉ. अनिल कुमार रॉय सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए अथक संघर्षरत हैं। उनके लेखन में हाशिए पर पड़े लोगों के संघर्ष और एक न्यायसंगत समाज की आकांक्षा की गहरी प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है।

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2 Comments

  1. बिहार में शिक्षा अपनें सबसे निचले पायदान पर है, यह नीति आयोग की रिपोर्ट भी बता रही है। शिक्षा के में सुधार के नाम पर आतंक फैलाया जा रहा है। शिक्षा अधिकारी वसूली भाई बने हुए है। निरीह शिक्षक बली का बकरा बन रहे। एक समय था एक शिक्षक की इज्जत और रसूख कई गॉंव तक फैला रहता था, आज वही शिक्षक खुद को कैदी महसूस कर रहा।
    शिक्षा में बुनियादी सुधार की जरूरत है, डरानें धमकानें से कुछ नहीं होगा।

    • डराना-धमकाना पुलिसिया रवैया है, अपराधियों के साथ किया जाने वाला व्यवहार, न कि शैक्षिक व्यवस्था में उपयोग किया जाने वाला। ठीक कहा आपने कि शिक्षा में बुनियादी सुधार की जरूरत है, डराने की प्रशासनिक व्यवस्था स्थिति को और भी बदतर बना रही है।

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