लोकजीवन एक ऐसा मंच है जहां जनसाधारण की आवाज़ों को प्राथमिकता दी जाती है, जो लोकतंत्र और जन पत्रकारिता की भावना को सजीव बनाता है। हमारा उद्देश्य संवाद को प्रोत्साहित करना, व्यवस्था को चुनौती देना, और सच्ची पत्रकारिता और विचारशील विमर्श के माध्यम से लोकतंत्र की नींव को मजबूत करना है। इस प्रयास को हमारे समर्पित और प्रतिबद्ध सदस्यों की टीम का समर्थन प्राप्त है, जो अपने ज्ञान, अनुभव, और सत्य व न्याय के प्रति निष्ठा से इस यात्रा को सफल बना रहे हैं।
हमारे प्रतिष्ठित लेखक
कार्यकर्ता और लेखक
डॉ. अनिल कुमार रॉय सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए अथक संघर्षरत हैं। उनके लेखन में हाशिए पर पड़े लोगों के संघर्ष और एक न्यायसंगत समाज की आकांक्षा की गहरी प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है।
शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
रुपेश रॉय एक समर्पित शोधार्थी हैं जिनका राजनीतिक विज्ञान में किया गया कार्य शासन, नीति और सामाजिक न्याय के बीच के अन्तर्संबंधों का अन्वेषण करता है। उनका शोध समकालीन समाज के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और संबोधित करने की प्रतिबद्धता से निर्देशित है।
लेखक, कवि, समीक्षक
डॉ. अजय कुमार झा एक बहुमुखी लेखक हैं जिनकी कविता, साहित्यिक आलोचना और निबंध मानव अनुभव की जटिलताओं को अन्वेषण करते हैं। उनका कार्य संस्कृति और समाज की गहरी समझ का प्रतिबिंब है।
Member, Central Committee, CPIML
चेयरमैन, रिसर्च विभाग, मैनिफेस्टो कमिटी एवं प्रदेश प्रवक्ता, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी
आनंद माधव बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के शोध और नीति निर्माण के ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक रणनीति और संचार में उनकी विशेषज्ञता उन्हें शासन और लोकतंत्र पर चर्चा में एक महत्वपूर्ण आवाज बनाती है।
लेखक व संस्कृतिकर्मी
डॉ. गजेन्द्र कान्त शर्मा का लेखन और सांस्कृतिक सक्रियता उनके सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की गहरी निष्ठा को दर्शाता है। उनका कार्य साहित्य और कला की शक्ति का उदाहरण है जो सामाजिक मूल्यों को आकार देता है।
पूर्व प्रमुख, भाषाविज्ञान और पंजाबी लेक्सोग्राफी विभाग; पूर्व निदेशक, सेंटर फॉर डायस्पोरा स्टडीज, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
प्रो. जोगा सिंह एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं, जिनके शोध और शिक्षण ने भाषाविज्ञान और प्रवासी अध्ययन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सेवा-निवृत्त प्रोफेसर, इतिहास विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी
डॉ. महेश विक्रम के इतिहास में किए गए विद्वत्तापूर्ण कार्य भारतीय समाज-राजनीतिक गतिशीलताओं पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। शिक्षण के प्रति उनकी निष्ठा ने अनेकों छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित किया है।
रवि कुमार साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र पढ़ाते हैं।
डेक्कन हेराल्ड पर रवि कुमार के लेख – यहाँ पढ़ें
सेवा-निवृत्त आईएएस; पूर्व उपाध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण; राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनमुक्ति आंदोलन
प्रशासन और सामाजिक सक्रियता में व्यासजी का व्यापक अनुभव शासन और सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। आपदा प्रबंधन में उनके नेतृत्व और सामाजिक परिवर्तन के लिए उनके प्रयासों की व्यापक रूप से सराहना की गई है।
विजिटिंग सहायक प्राध्यापक, आईसीफाई लॉ स्कूल, आईसीफाई विश्वविद्यालय, देहरादून
डॉ. नीरज कुमार की कानून में विशेषज्ञता और उनके अकादमिक प्रयासों ने विधिक शिक्षा और विद्वता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका कार्य विधिक सिद्धांत और व्यवहार के बीच पुल का कार्य करता है।
लेखिका
डॉ. मीरा मिश्रा एक प्रतिष्ठित लेखिका हैं, जिनके कार्य मानवीय भावनाओं और सामाजिक मुद्दों की गहराई में जाते हैं। उनके साहित्यिक योगदान संवेदनशीलता और पाठकों पर उनके गहरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं।
सहायक प्रोफेसर, लोक प्रशासन संस्थान, पटना विश्वविद्यालय, पटना
डॉ. सुधीर कुमार का सार्वजनिक प्रशासन में किया गया अकादमिक योगदान शासन और सार्वजनिक नीति पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। उनके शोध और शिक्षण भविष्य के नेताओं को तैयार करने में सहायक हैं।
केन्द्रीय समिति सदस्य, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)
नन्द किशोर सिंह का सक्रियता और CPI (ML) में नेतृत्व उन्हें श्रमिक वर्ग और उत्पीड़ितों के संघर्ष के प्रति उनकी अटल निष्ठा को दर्शाता है। उनके लेखन और भाषण सामाजिक न्याय के लिए एक जोरदार आह्वान हैं।
सरफराज पीयूसीएल, बिहार के महासचिव हैं और जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।
बिहार में दलित, अल्पसंख्यक, मज़दूर, किसान और महिलाओं के मानवाधिकार के मामलों पर उन्होंने काफ़ी काम किया है।
हाल के दिनों में नफ़रत पर आधारित अपराधों और भाषण पर गंभीर रूप से सक्रिय हैं।
राज्य-पार्षद, एआईएसएफ, बिहार; सह जिला सचिव, एआईएसएफ, सारण
अमित नयन बिहार में एक प्रमुख छात्र नेता हैं, जो छात्रों और युवाओं के अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के साथ उनका काम शिक्षा और सामाजिक सक्रियता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संपादक, सोशल संवाद
अजय प्रकाश पांडे सोशल संवाद के संपादक हैं, जो ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करता है। उनका संपादकीय कार्य अकादमिक और जनसाधारण के बीच पुल बनाने का प्रयास है।
नागेन्द्र चटर्जी एक दूरदर्शी नेता हैं, जिनका सामाजिक और राजनीतिक विमर्श में योगदान अमूल्य है। उनकी अंतर्दृष्टि और सक्रियता लोकतंत्र के मूल्यों के साथ गहरे मेल खाती है।
सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के निदेशक,
राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के पूर्व सदस्य,
शोधकर्ता, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्