इन दिनों : ताड़ खड़खड़ाते हैं केवल, चील गीध ही गाते

"डॉ लोहिया ने कहा था कि पांच सालों तक जिंदा कौमें इंतजार नहीं करतीं। सच पूछिए तो जिंदा कौमें की एक शमां तो बननी चाहिए।" - इसी लेख से



कल भागलपुर में पुराने साथियों की बैठक हुई। संदर्भ बिहार का चुनाव था। पुराने साथियों का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि किसी का संबंध जेपी आंदोलन से था, किसी का झुग्गी झोपड़ी आंदोलन से तो किसी का गंगा मुक्ति आंदोलन से।…





धूल उड़ाती सन्न-सन्न भागती गाड़ियों का क़ाफ़िला। साहब के इशारे पर गाड़ी घुमाता ड्राइवर। टास्क से अनजान एक-दूसरे का मुँह ताकते ऑर्डर की प्रतीक्षा में बंदूक़ थामे पुलिसकर्मी। तभी साहब की गाड़ी रुकती है। क़ाफ़िले की दूसरी गाड़ियाँ भी। पुलिसवाले कूदकर…

